नर्सिंग कालेज की छात्राएं में दहशत,हास्टल में फैला कोरोना संक्रमण,छात्राओं ने कहा कि हास्टल में रखकर उनकी जान खतरे में,पढ़े पूरी खबर
बिलासपुर। शासकीय नर्सिंग कालेज लगरा के हास्टल में रहने वाली कई छात्राएं कोरोना पाजिटिव हो चुकी हैं। वे हास्टल में ही क्वारंटाइन हैं। इसकी वजह से अन्य छात्राओं में दहशत है। इधर प्रबंधन न तो सभी छात्राओं की सैंपलिंग करा रहा है और न ही उन्हें घर जाने की अनुमति दे रहा है।
नर्सिंग कालेज के हास्टल में पहले व दूसरे साल की छात्राएं रह रही हैं। पिछले कुछ दिनों से एक-एक कर कई छात्राएं कोरोना से संक्रमित हो चुकी हैं। इन छात्राओं को हास्टल में ही क्वारंटाइन कर उपचार कराया जा रहा है। लेकिन क्वारंटाइन दिशा निर्देश का सही तरीके से पालन नहीं किया जा रहा है। इससे अन्य छात्राएं संक्रमण को लेकर दहशत में हैं। इस पर कालेज प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है।
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ छात्राओं ने जानकारी दी है कि मौजूदा स्थिति में हास्टल की साफ सफाई भी नहीं हो रहा है। खाना भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। साथ ही उन्हें घर जाने की अनुमति भी नहीं दी जा रही हैं। मिडिया रिपोर्ट के अनुसार इस संबंध में कालेज की प्राचार्य दीपिका कुमार से जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसकी वजह से कालेज प्रबंधन का पक्ष नहीं लिया जा सका।
अभाविप ने किया घेराव
इस मामले की जानकारी होने पर अखिल भारतीय विार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को लगरा पहुंचकर प्राचार्य दीपिका कुमार का घेराव कर दिया। इस दौरान अभाविप के महानगर मंत्री आयुष तिवारी ने प्राचार्य को ज्ञापन सौंपकर अव्यवस्था को सामने लाया। साथ ही मांग रखी कि सभी छात्राओं के साथ कर्मचारियों की कोरोना जांच कराई जाए।
साथ ही संक्रमण के बढ़ते मामलों के देखते सभी छात्राओं को घर जाने की अनुमति मिलनी चाहिए। इस दौरान कालेज प्रबंधन का कहना है कि संक्रमण के मामले सामने आने के बाद भी छात्राओं की कोरोना जांच कराई जा रही है। स्थिति नियंत्रण में है। इस दौरान अभावित के सृजन पांडेय, शिवा पांडेय, प्रकाश श्रीवास, भव्या शुक्ला, हिमांशु कौशिक, साक्षी ठाकुर, अनुराग यादव आदि उपस्थित रहे।
छात्राओं ने मचाया हंगामा
अभाविप द्वारा कालेज का घेराव करने के दौरान हास्टल की सभी छात्राएं बालकनी पर आ गईं और खुद ही कालेज प्रबंधन की पोल खोलने लगीं। इस दौरान छात्राओं ने कहा कि हास्टल में रखकर उनकी जान खतरे में डाली जा रही है। छात्राओं को कहना था कि उन्हें बाहर भी निकलने नहीं दिया जा रहा है। कालेज बंद होने के कारण वे घर जाना चाहती है.