बसना: नगरीय निकाय चुनाव में विधायक की बहू सोनिया अग्रवाल नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए लड़ेंगी चुनाव
देशराज दास बसना/महासमुंद: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। वार्डों के आरक्षण की घोषणा के बाद बसना नगर पंचायत अध्यक्ष का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इस बार भारतीय जनता पार्टी से सोनिया अग्रवाल अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगी।
सोनिया अग्रवाल का राजनीतिक सफर सक्रियता और सेवा भाव से भरा रहा है।
सोनिया अग्रवाल, जो बसना के विधायक डॉ.संपत अग्रवाल की बहू हैं, जो राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई है। वे 2013 के नगर पंचायत चुनाव में एक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहीं। इसके अलावा, 2018 में बसना विधानसभा चुनाव और 2019 के महासमुंद लोकसभा चुनाव में भी वे चुनावी कार्यों में शामिल रही हैं। साथ ही 2023 में बसना विधानसभा चुनाव और 2024 में पुनः महासमुंद लोकसभा चुनाव में भी वे चुनावी कार्यों में शामिल रही हैं
सोनिया अग्रवाल ने अपनी प्राथमिकता नगर पंचायत के लोगों की सेवा और मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता को बताया है। उनका कहना है कि वे जनता की जरूरतों को समझते हुए विकास कार्यों को प्राथमिकता देंगी। आपको बतादे सोनिया अग्रवाल नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष सुमित अग्रवाल की पत्नी है.
चुनाव को लेकर बसना में उत्साह चरम पर है। स्थानीय नागरिकों का मानना है कि सोनिया अग्रवाल के नेतृत्व में नगर पंचायत को नई दिशा मिलेगी। भाजपा समर्थकों के साथ-साथ आम जनता में भी उनके प्रति विश्वास और उम्मीद दिखाई दे रही है। इस बार का चुनाव राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां सोनिया अग्रवाल का अनुभव और कार्यक्षमता एक मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं।
जनसेवा और विकास के प्रति संकल्प
सोनिया अग्रवाल ने अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बात करते हुए कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य नगर पंचायत बसना के नागरिकों को मूलभूत सेवाओं का लाभ दिलाना है। उनके एजेंडे में स्वच्छता, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना प्रमुख है। वे नागरिकों की समस्याओं को सुनने और उन्हें जल्द से जल्द हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
स्थानीय जनता का समर्थन
सोनिया अग्रवाल के पक्ष में स्थानीय जनता का समर्थन बढ़ता जा रहा है। वे जनता से जुड़े मुद्दों को समझने और समाधान देने की क्षमता रखती हैं। कई सामाजिक और जनकल्याणकारी कार्यों के कारण उनकी पहचान सेवा भाव और विनम्रता के लिए की जाती है।
राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और भविष्य
चुनाव में सोनिया अग्रवाल का मुकाबला अन्य दलों की महिला उम्मीदवारों से होगा, लेकिन उनके राजनीतिक अनुभव, सामाजिक जुड़ाव और परिवारिक पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें मजबूत दावेदार माना जा रहा है।