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पटाखों पर प्रतिबंध, फिर भी दिवाली से पहले,,,,,की हवा’बेहद खराब’, जानें वजह?

दिवाली पर्व से पहले ही दिल्ली की हवा की गुणवत्ता “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच गई है। सोमवार सुबह दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 264 दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।

बीती रविवार को, AQI का स्तर इससे भी अधिक 355 था, जो दिल्लीवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरे का संकेत देता है। दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में, जैसे कि डिफेंस कॉलोनी, AQI 324 दर्ज किया गया, जबकि पीतमपुरा में 167 दर्ज हुआ, जो स्थानीय स्तर पर बढ़ते प्रदूषण की ओर संकेत करता है।

शांत हवाओं के कारण बढ़ा प्रदूषण
रविवार को शांत हवाओं के चलते प्रदूषक तत्व वातावरण में फैल नहीं सके, जिसके कारण AQI में वृद्धि दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, शहर के 40 निगरानी स्टेशनों में से 37 में प्रदूषण का स्तर “बहुत खराब” से “गंभीर” स्थिति में पाया गया। खासकर बवाना, बुराड़ी और जहांगीरपुरी जैसे इलाकों में यह स्थिति ज्यादा खराब रही।

प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार के कदम दिल्ली सरकार ने दिवाली और सर्दियों के प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए कई अहम कदम उठाए हैं… सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा – सरकार लोगों को निजी वाहनों के बजाए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है ताकि गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण में कमी लाई जा सके।

पटाखों पर प्रतिबंध – 2020 से दिल्ली-एनसीआर में पारंपरिक पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है और सिर्फ हरे पटाखों की अनुमति दी गई है। हरे पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं और इनमें स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने वाले तत्व नहीं होते हैं।

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) – वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP के तहत 21 अक्टूबर से दिल्ली में स्टेज 2 सक्रिय कर दिया है। जब AQI 301 से 400 के बीच पहुंचता है तो स्टेज 2 के नियम लागू होते हैं, जिसके तहत कई गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जाता है ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
गुरुग्राम में तस्करी से बढ़ती प्रदूषण की समस्या

दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्र गुरुग्राम में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद पारंपरिक पटाखों की तस्करी जारी है। इन पटाखों को गैरकानूनी तरीके से बेचकर दिल्ली और एनसीआर में पहुंचाया जा रहा है, जिससे दिल्ली के प्रदूषण स्तर में और अधिक वृद्धि होने की संभावना है।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आदेशानुसार, 1 जनवरी 2025 तक सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन फिर भी तस्करी के माध्यम से इनका उपयोग प्रदूषण में इजाफा कर सकता है।

सर्दियों में प्रदूषण से लड़ने के अन्य प्रयास
दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने कुछ और उपाय भी अपनाए हैं, जैसे कि सड़कों की सफाई, धूल नियंत्रण और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर सख्त निगरानी। विशेषज्ञों का मानना है कि सर्दियों के मौसम में प्रदूषण का स्तर और भी अधिक बढ़ सकता है, इसलिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत विभिन्न चरणों में काम करना आवश्यक है।

दिवाली से पहले ही दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता “बहुत खराब” स्थिति में है। सरकार द्वारा किए गए उपायों के बावजूद प्रदूषण का स्तर अभी भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बना हुआ है। प्रदूषण से निपटने के लिए आम जनता का सहयोग भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर दिवाली के समय पटाखों का उपयोग न करके और वैकल्पिक तरीकों से त्योहार मनाने के प्रयास किए जाने चाहिए।

प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सरकार और लोगों दोनों को मिलकर काम करना होगा ताकि आने वाले समय में एक स्वच्छ वातावरण बनाया जा सके।

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