अमित सिन्हा जगदलपुर (बस्तर ): विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले पर्व हैं शनिवार 19/10/24 को अंतिम “डोली विदाई” की रस्म पूरी की गई. जगदलपुर में जिया डेरा मंदिर में माटी पुजारी कहे जाने वाले बस्तर राजकुमार कमलचंद भंजदेव और सैकड़ों लोगों ने पूजा अर्चना कर मावली देवी की डोली को विदा किया गया.
आपको बतादे लगभग 600 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा को आज भी बखूबी निभाया जाता है इस विदाई रस्म के बाद ही दशहरा पर्व की समाप्ति होती है माता रानी की डोली जगदलपुर से निकल कर मा दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ पहुंचे गी इस भी बीच रास्ते में मा के भक्तों द्वारा जगह जगह डोली की पूजा अर्चना कर माता रानी को विदाई दी गई पंडरीपानी स्थित शिव मंदिर में भक्तों ने माता रानी को विदाई देने के लिए पहुंचे जहां माता रानी की डोली का पूजा अर्चना कर विदाई दी गई!