छत्तीसगढ़

CG – एक स्कूल ऐसा भी : जहां एक भी छात्र नहीं, लेकिन पदस्थ हैं तीन शिक्षक, बैठे-बैठे कुर्सी तोड़ रहे तीनों मास्टर

जशपुर। छत्तीसगढ़ में स्कूल को लेकर बड़ी विडंबना है। कहीं स्कूलों में सरप्लस शिक्षक पदस्थ कर दिये गये हैं, कहीं बच्चों के बावजूद शिक्षकों की तैनाती कर दी गयी है। किसी स्कूल में छात्रों के बावजूद शिक्षक नहीं है, तो कहीं बच्चों के अनुपात में शिक्षकों को टोटा है।

जशपुर जिले के शासकीय प्राथमिक शाला हलबोहा में ऐसा ही एक अनोखा मामला सामने आया। इस विद्यालय में पहली से पांचवी कक्षा तक इस साल एक भी बच्चों का एडमिशन नहीं लिया है। जबकि यहां एक हेडमास्टर समेत तीन शिक्षक पदस्थ हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने इस स्कूल को मर्ज करने की मांग की है।

दरअसल, ग्राम पंचायत दीवानपुर के हलबोला में शासकीय प्राथमिक शाला का है। जहां पर प्रायमरी कक्षाओं में इस साल एक भी बच्चों का एडमिशन नहीं लिया है। इस विधालय में तीन टीचर पदस्थ हैं, जिनमें एक प्रधान पाठक राजेश कुमार दिवाकर, और दो सहायक शिक्षिका तिलोतमा सिदार एवं अनुपमा पैकरा शामिल हैं। शासन जहां बच्चों के लिए प्रति माह लाखों रुपए शिक्षकों के वेतन, मध्यान्ह भोजन समेत सहायिका एवं स्वीपर के वेतन पर खर्च करती है। पर यहां शासन का लाखों रुपयों की बर्बादी होती दिख रही है।

इस स्कूल में न तो बच्चे है और न ही बच्चों की दर्ज संख्या बढ़ाने में यहां पदस्थ शिक्षक रुचि दिखा रहे हैं। छात्र- छात्राओं के प्रति शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के बजाय इस स्कूल में शिक्षा व्यवस्था को ठप करते नजर आ रहे हैं। जब इस स्कूल में मीडिया का कैमरा पड़ा तो पता चला कि, इस स्कूल में छात्र- छात्राओं के बजाय सिर्फ एक शिक्षक, शिक्षिका नजर आई। इस स्कूल में एक भी बच्चे नहीं थे और लापरवाह शिक्षक और शिक्षिका स्कूल के टेबल पर बैठ कर मोबाइल देखकर कुर्सी तोड़ते देखे गए।

विभाग के मुताबिक राज्य के स्कूलों में 7300 से ज्यादा अतिशेष शिक्षक हैं। 4077 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण होने से भी करीब 5000 अतिशेष शिक्षक मिलेंगे। दोनों को मिलाकर 12000 अतिशेष शिक्षक विभाग को मिलते। इन शिक्षकों को 5500 से अधिक एक शिक्षकीय स्कूल और 610 स्कूल जहां एक भी शिक्षक नहीं है, वहां शिक्षकों को पदस्थ करने की विभाग की प्लानिंग है।

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