महासमुंद :- छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक जिला महासमुंद के द्वारा युक्तियुक्तकरण, आनलाईन अवकाश तथा शिक्षकों के विभिन्न समस्याओं के संबंध में छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, सचिव स्कूल शिक्षा के नाम कलेक्टर महासमुंद को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें आदेशानुसार जारी युक्तियुक्तकरण से छत्तीसगढ़ के शासकीय शालाओं में शिक्षा का स्तर पुरी तरह से कमजोर हो जा रहा है एवं शिक्षक बड़ी संख्या में प्रभावित और परेशान हो रहे है। इस युक्तियुक्तकरण में शिक्षा विभाग के सेटअप नई शिक्षा के अधिकार कानून का पालन नहीं किया जा रहा है। नियमानुसार शालाओं में उसके स्वीकृत सेटअप अनुसार ही पद स्थापना होता है। स्कूल शिक्षा विभाग में सभी शालाओं का सेट अप 2008 स्वीकृत एवं प्रभावशील है। लेकिन इस युक्तियुक्तकरण में सेटअप को पुरी तरह से नजरअंदाज किया गया है, जी कि पूर्णतः नियम विरुद्ध है।
प्राथमिक शाला में 60 दर्ज संख्या में प्रधान पाठक सहित दो शिक्षक जबकि 5 कक्षा प्रति कक्षा में 4 विषय इस तरह 20 कालखंड होगा, जिसमें विषय आधारित अध्यापन होता है। जहां सभी विषय होना जरूरी है। यही स्थिति हाई स्कूल,हायर सेकंडरी, में भी बन रही है। इसके साथ साथ बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रकार की आफलाइन, आनलाइन जानकारी, बैठक, प्रशिक्षण, सर्वे आदि कार्य किया जाता है। इससे निश्चित ही शिक्षा की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
10 से कम दर्ज वाले शालाओं को बंद करने या एक ही परिसर के शालाओं को समायोजन करने पर अनुशासन व्यवस्था कमजोर होगा एवं संस्था प्रमुख को अतिशेष करना सर्वथा अनुचित है। उपरोक्त स्थिति में यह युक्तियुक्तकरण पूर्ण रूप से विसंगतिपूर्ण और शिक्षा को कमजोर करने वाला शिक्षको के अधिकार को हनन करने वाला है। इसलिए शिक्षक संघ इसका विरोध करते हुए निम्नलिखित आग्रह प्रस्तुत किए।
1. युक्तियुक्तकरण के संदर्भित आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए, व्याख्याता प्राचार्य सहित सभी लंबित पदोन्नति को पूर्ण करने एवं स्वतंत्र विभागीय स्थानांतरण करने के पश्चात ही युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई 2008 के प्रचलित सेटअप के अनुसार किया जावे।
2. कम दर्ज संख्या वाले शालाओं को बंद करने एवं एक ही परिसर के शालाओं को समायोजन करने के नियम को निरस्त किया जावे
3. वर्ष 2018 में युक्तियुक्तकरण किया जा चुका है।जिस पर भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र 2023 की मोदी की गारंटी में पृष्ठ 24 के कंडिका 3 में उल्लेखित है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद 57000 रिक्त पदों पर शिक्षाक भर्ती होगी यह पद सेटअप अनुसार ही स्वीकृत है तथा कंडिका 6 में उल्लेखित है। इस तरह यह युक्तियुक्तकरण मोदी की गारंटी का खुला उलंघन है।
4. उपरोक्त विसंगतियों को दूर करने के बाद अतिशेष होने की स्थिति में जो भी कनिष्ठ शिक्षक है, चाहे वह परीक्षावघिन हो या अतिथि हो उसे अधिशेष करना उसके अधिकार का हनन होगा।
5. आनलाइन अवकाश स्वीकृति को तत्काल प्रभाव से बंद कर पूर्व की भांति आफलाइन व्यवस्था ही लागू किया जाए।
शिक्षक एलबी संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा का लाभ, पुरानी पेंशन एवं महंगाई भत्ता की मांग
1.पुरानी सेवा का लाभ – शिक्षक एलबी संवर्ग को उनके शिक्षाकर्मी/संविदा शिक्षक के पद पर प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा की गणना करते हुए वेतन विसंगति दूर कर, क्रमोन्नति पुरानी पेंशन, अवकाश गणना सहित शिक्षा विभाग में निहित समस्त लाभ प्रदान किया जावे।
2.पुरानी पेंशन- छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग द्वारा 11/05/2022 को राज्य के शासकीय सेवको को 01/11/2004 से नविन पेंशन NPS के स्थान पर भूत लक्ष्मी प्रभाव से पुरानी पेंशन OPS प्रदान करने का आदेश किया गया है। जिसके अनुसार सेवको को OPS प्रदत्त तिथि से ही OPS प्रदान किया जा रहा है। शिक्षक एल बी संवर्ग को अप्रैल 2012 से NPS प्रदान किया जा रहा था। जिन्हें उनके सविलियन तिथि 2018 से पुरानी पेंशन का लाभ प्रदान किया जा रहा है जो कि उपयुक्त नहीं है।उनका कहना है कि शिक्षक एल बी संवर्ग को उनके प्रथम नियुक्ति तिथि से OPS प्रदान करें।
3.जनवरी 2024 से लंबित महंगाई भत्ता नियत तिथि से प्रदान करने का आदेश शीघ्र प्रसारित करें। जिसमें मुख्य रूप से संयुक्त शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष विजय कुमार धृतलहरे, ब्लाक अध्यक्ष बसना नीलांबर नायक, ब्लाक अध्यक्ष सरायपाली लवकुमार पटेल, नरोत्तम चौधरी, सुरेश नंद, नंदकुमार साव, देवराज यादव, ऋषि प्रधान, खिरोद जेरी, दुर्वोदल दीप, दीपक पटेल, दरस पटेल, चरण साहू, नीर्मल परोहित, केदार प्रधान उपस्थित रहे।