सरायपाली: फालोअप खबर- मोटापा कम करने स्वास्थ्य के साथ किया जा रहा खिलवाड़,नहीं हो रही कार्रवाई,प्रोटीन पाउडर लेना बंद करते ही हो रहा साइड इफेक्ट का आरोप
सरायपाली। मोटापा कम करने के नाम पर जो उत्पाद ग्राहकों को बेचा जा रहा है उन उत्पादों को लेकर गंभीर शिकायतें मिल रही हैं। स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी दवा बिना डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन के नहीं दे सकते मगर यहां तो तथा कथित वेलनेस कोच द्वारा मनमानी तरीके से प्रोटीन पाउडर, विटामिन की टेबलेट बगैर डॉक्टरी सलाह के लोगों को देने का काम कर रहे हैं।
नियमानुसार प्रोटीन पाउडर विटामिन की टेबलेट केवल मेडिकल स्टोर्स में ही उपलब्ध होने चाहिए मगर विभिन्न जगहों पर उपलब्ध हो रहा है। पिछले दिनों कामता पटेल द्वारा मोटापा कम करने के नाम पर जो दवा बेची जा रही है उसको लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव से शिकायत भी की जा चुकी है।लोगों का यह भी कहना है कि इन दवाओं से लाभ की बजाय नुकसान ज्यादा हो रहा है। महंगा दवा के सेवन से मोटापा कम हो न हो लोगों की जेबें जरूर ढीली हो रही हैं।
मोटापा कम करने के नाम पर जो पूरक पोषण आहार दिया जा रहा है वह कितना कारगर एवं उपयोगी है,इसकी जांच न तो खाद्य विभाग द्वारा किया जा रहा है न ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा। कोई भी खाद्य पदार्थ हो उसकी जांच होनी चाहिए और यदि यह स्वास्थ्य से जुड़ी हो तो और भी कड़ाई से जांच होनी चाहिए।
जिला ड्रग्स इंस्पेक्टर अखिलेश पांडे ने बताया कि इन प्रोटीन पाउडर एवं विटामिन की कोई भी लैब रिपोर्ट उनके पास नहीं है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि प्रोटीन और विटामिन का या तो लेब में परीक्षण नहीं किया गया है या फिर लेब रिपोर्ट संबंधित विभाग को मुहैय्या नहीं कराया गया है। लोगों द्वारा इन उत्पादों का परीक्षण कराये जाने की मांग भी की जा रही है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां पर किसानों द्वारा प्रोटीन युक्त मिलेट्स का उत्पादन किया जाता है। पूरक पोषण आहार के रूप में मिलेट्स से बनी उत्पाद बेचने से न सिर्फ कृषि को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
पूरक पोषण के रूप में शुद्ध देशी उत्पाद होते हुए भी इन महंगे उत्पाद की बिक्री की अनुमति देना कितना उचित है? भारत सरकार हो या छत्तीसगढ़ सरकार मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। शासन को चाहिए कि इन महंगे फूड सप्लीमेंट्री आहार के रूप में महंगे उत्पादों पर अंकुश लगाकर मिलेट्स से बने उत्पाद को प्रोत्साहित करें।
हर्बल उत्पाद समझकर इसके सेवन से लोगों को जितना लाभ नहीं हो रहा है इससे ज्यादा नुकसान हो रहा है। लोगों में इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहा है। एक जानकारी के मुताबिक ऐसे उत्पाद खाना बंद करते ही पहले से अधिक मोटापा बढ़ने, चक्कर आने, बाल झड़ने, किडनी की समस्या, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने जैसे गंभीर समस्याओं को उपभोक्ताओं द्वारा अपना अनुभव साझा किया है।
कुछ उत्पाद में पोटेशियम और फास्फोरस की अधिक मात्रा होती है जो किडनी की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए बहुत सी जटिलताएं पैदा कर सकता है। यह भी बताया जा रहा है कि इसमें कैफीन की मात्रा अधिक होने से रक्तचाप को बढ़ा सकता है। सोशल मीडिया की प्लेटफार्म पर इस तरह की जानकारी उपलब्ध होते हुए भी लोग ऐसे उत्पादों के झांसे में कैसे आ जाते हैं समझ से परे है।
- किसी भी व्यक्ति को बिना शारीरिक जांच के प्रोटीन पाउडर और विटामिन की टेबलेट नहीं ग्रहण करना चाहिए। इससे स्वास्थ संबंधी समस्या बढ़ सकती हैं। जो लोग बिना वैध डिग्री के आमजनों को हर्बल बताकर प्रोटीन पाउडर और विटामिन कैप्सूल दे रहे हैं उनके खिलाफ शिकायत आने पर अवश्य कारवाई की जाएगी।
डॉ व्ही. ए. के. कोसरिया, बीएमओ सरायपाली