महासमुंद

कांग्रेस भड़काऊ बयानों से बाज आये: सांसद रुपकुमारी चौधरी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की उस बयान की कठोर निंदा की जानी चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा कि “बंगलादेश के जैसे भारत में भी अराजकता फैलेगी।” यह बयान न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली, स्थिरता और संविधान के प्रति अविश्वास को भी दर्शाता है। ऐसे बयान न केवल भारतीय जनता की भावना को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि यह देश की गरिमा, संप्रभुता और एकता पर भी प्रश्नचिह्न लगाते हैं।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जो अपनी विविधता, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, और संवैधानिक मूल्यों पर आधारित शासन व्यवस्था के लिए जाना जाता है। यहाँ का कानून और व्यवस्था देश की जड़ों में गहराई से स्थापित है, और ऐसी किसी भी अराजकता की संभावना को रोकने के लिए पर्याप्त तंत्र मौजूद हैं। भारत की तुलना बंगलादेश जैसी स्थिति से करना अत्यंत निंदनीय है और यह बयान कांग्रेस की राजनीति की गहराई में छिपी नकारात्मकता और हताशा को उजागर करता है।

यह बयान एक स्पष्ट उदाहरण है कि किस प्रकार कांग्रेस देश की स्थिति को अस्थिर करने के लिए आधारहीन और भड़काऊ बातें कर रही है। इस तरह के बयान न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं, बल्कि यह भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह कहना कि भारत में अराजकता फैलेगी, भारतीय लोकतंत्र और इसके संस्थानों पर सीधा हमला है, जो न केवल अनुचित है बल्कि पूरी तरह से अस्वीकार्य भी है।

भारत एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र है, जो अपने नागरिकों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है। यहाँ का संविधान और कानून की व्यवस्था किसी भी प्रकार की अराजकता को जन्म देने की संभावना को समाप्त करती है। इस संदर्भ में कांग्रेस द्वारा की गई इस प्रकार की टिप्पणी अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ है।

कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि ऐसे बयान केवल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं दिए जा सकते, क्योंकि इससे देश की सुरक्षा और अखंडता पर भी प्रश्न उठते हैं। यह बयान न केवल भारत के नागरिकों का अपमान है, बल्कि यह देश की संवैधानिक प्रणाली और उसकी स्थिरता पर भी प्रश्नचिह्न लगाने की कोशिश है।

यह स्पष्ट है कि कांग्रेस का यह बयान एक सस्ती राजनीतिक चाल है, जिसका उद्देश्य जनता में डर और भ्रम पैदा करना है। लेकिन ऐसे बयान देश के विकास और स्थिरता के लिए हानिकारक हैं और इन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कांग्रेस को ऐसे बयानों के लिए माफी मांगनी चाहिए और भविष्य में इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी से बचना चाहिए, जो न केवल देश के प्रति अनादर को दर्शाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि उनके पास सकारात्मक और रचनात्मक राजनीति की कमी है।

इसलिए, इस बयान की सख्त निंदा होनी चाहिए और यह संदेश दिया जाना चाहिए कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है, जहां कानून और व्यवस्था का राज है, और किसी भी प्रकार की अराजकता फैलने की कोई संभावना नहीं है। भारत के नागरिक इस तरह के भ्रामक और आधारहीन बयानों को नकारते हैं और अपने देश के प्रति गर्व और सम्मान के साथ खड़े रहते हैं।

Back to top button