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बसना: विवेकानंद दास को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से अलंकृत

पं. दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ द्वारा विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान समारोह आयोजित,विद्या पीठ द्वारा राष्ट्रीय हिन्दी संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया

नई दिल्ली। नई दिल्ली के प्रसिद्ध कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार हेतु समर्पित पं. दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ द्वारा राष्ट्रीय हिन्दी संगोष्ठी एवं विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया।

देश की राजधानी नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित भव्य सम्मान समारोह देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए विद्वत जनों को “विद्या वाचस्पति” डॉक्टरेट की मानद उपाधि एवं विद्या वारिधि उपाधि से सम्मानित किया गया।
सम्मान समारोह का आयोजन रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पद्मश्री डॉ अरविन्द कुमार के मुख्य आतिथ्य विद्यापीठ के कुलपति डॉ इन्दु भूषण मिश्र ” देवेंदु ” की अध्यक्षता , अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली की रिसर्च साइंटिस्ट डॉ. स्वर्णलता पांचाल के विशिष्ट आतिथ्य में किया गया तथा मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय कथावाचिका सुश्री दीपा मिश्रा उपस्थित रहीं ।

दुर्ग से आए हुए राष्ट्रीय पर्यावरणविद डॉ विश्वनाथ पानीग्राही ने विशिष्ट सानिध्य प्रदान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोचारण के साथ दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।

अतिथियों ने हिन्दी भाषा के विकास तथा राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने को लेकर अपने विचार प्रकट किए तथा अतिथियों द्वारा देश के प्रधानमंत्री के आह्वान पर “एक पेड़ मां के नाम ” अभियान के तहत पत्रक का विमोचन किया एवं शमी का पौधा क्लब में रोपित किया।

पं.दीनदयाल उपाध्याय हिन्दी विद्यापीठ का यह विशिष्ट सम्मान प्रतिष्ठित शिक्षाविदों , लेखकों , शिक्षकों, साहित्यकारों , पर्यावरणविदों एवं अन्य विद्वत जनों को हिन्दी लेखन , शिक्षा के उन्नयन , पर्यावरण जागरूकता , चिकित्सा सेवा , जल संरक्षण एवं समाजसेवा के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियों के आधार पर श्री विवेकानन्द दास, सहायक शिक्षक, शासकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय बसना को विद्यावाचस्पति डॉक्टरेट की मानद उपाधि से अलंकृत किया गया।

आयोजकों द्वारा अतिथियों को विद्यापीठ स्मृति चिन्ह भेंटकर तथा शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। समारोह में मुख्य रूप से महाराष्ट्र के डॉ शिवाजी रामभाऊ शिन्दे, ओडिसा के डॉ हरि भाई आर्यन , छत्तीसगढ़ के डॉ कुलवंत सिंह सलूजा , मध्य प्रदेश के डॉ राजू गजभिए, उत्तर प्रदेश के डॉ जगदीश पिल्लई , कर्नाटक के डॉ प्रसाद एस. एम आदि उपस्थित रहे ।

 विवेकानन्द दास से डॉक्टर विवेकानन्द दास बनाने के लिए इस उपलब्धि को डॉक्टर विश्वनाथ पानीग्राही  के मार्गदर्शन एवं डॉक्टर वीरेन्द्र कर  के सानिध्य को समर्पित किया।समारोह का संचालन आचार्य पं. जानकी बल्लभ शास्त्री ने किया तथा आभार संदीप शर्मा ने व्यक्त किया।

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