महासमुंद। आपने तो सुना ही होगा की लड़के ने नाबालिक लड़की को भगा ले गया एक ऐसे ही मामले पर नाबालिग लड़की को भगा ले जाने और दैहिक शोषण करने के आरोपी को न्यायालय ने 20 वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया है। इसके अलावा अलग-अलग धाराओं में सजाएं सुनाई गई है।
मिडिया के अनुसार ग्राम दाबपाली की बालिका 31 जुलाई 2021 को रात में खाना खाने के बाद अपने कमरे में सो गई। सुबह परिजनों ने देखा कि बालिका कमरे में नही है। आसपास रिश्तेदारों के घर तलाश किए, लेकिन कहीं पता नही चला। उसका पड़ोसी एक युवक भी लापता था। दाबपाली के रहने वाले दाबपाली के रहने वाले जितेंद्र कुमार तांडे लड़की के घर कभी-कभी आता-जाता था। किशोरी को, जितेंद्र तांडे बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया था। जिसकी रिपोर्ट तेंदूकोना थाने में दर्ज कराई गई। आरोपी जितेंद्र कुमार तांडे नाबालिक बालिका को शादी का प्रलोभन देकर रायगढ़ ले गया और किराए के मकान में रखा। उसके साथ जदबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। उसके कब्जे से बालिका को बरामद कर पुलिस ने मामला न्यायालय में पेश किया। जहां अतिरिक्त लोक अभियोजक सलीम कुरैशी ने अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी की।
न्यायालय में आरोप सिद्ध होने पर थाना तेंदूकोना के ग्राम दाबपाली, जिला महासमुंद निवासी जितेंद्र कुमार तांडे (30 वर्ष) पिता जोधी राम तांडे को विशेष न्यायाधीश (लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) योगिता विनय वासनिक ने भादसं की धारा 363 में 5 वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदंड , नही पटाने पर 1 माह अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई। धारा 366 में 7 वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार अर्थदंड, अर्थदण्ड नही पटाने पर 2 माह अतिरिक्त सश्रम कारावास, धारा 06 लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 20 वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि नही पटाने पर 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतना होगा। अर्थदंड की राशि नही पटाने पर दिए गए कारावासीय सजा पृथक-पृथक भुगताई जाएगी तथा शेष धाराओं की सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी।